संगीत की धुनों में बसी विरासत: सितार वादक सौमित्र ठाकुर की अद्भुत प्रस्तुति

संगीत की धुनों में बसी विरासत: सितार वादक सौमित्र ठाकुर की अद्भुत प्रस्तुति
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कम शब्दों में कहें तो, प्रसिद्ध सितार वादक सौमित्र ठाकुर ने अपने वादन से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। युवाओं में संगीत के प्रति जुनून देखते ही बनता है, जिसके उदाहरण शास्त्रीय गायक अनिरुद्ध ऐथल हैं, जिन्होंने अपनी प्रतिभा से सभी का ध्यान आकर्षित किया।
इन दिनों देहरादून में चल रहे विरासत महोत्सव ने संगीत प्रेमियों के लिए एक अद्भुत अनुभव प्रस्तुत किया। महोत्सव के चौथे दिन, भारतीय संगीत के इस महान अंग ने एक बार फिर से साबित कर दिया कि संगीत की शक्तियाँ बेमिसाल होती हैं।
सांस्कृतिक संध्या का आगाज़
सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत यूपीईएस विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राम शर्मा द्वारा दीप जलाने के साथ हुई। दीप जलाने के बाद, मशहूर ग़ज़लकार अनुराग शर्मा ने अपनी मधुर आवाज़ में ग़ज़लों और गीतों से महफिल को गूंथा। स्वर सरताज अनुराग शर्मा की गज़लों ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।
देहरादून में विरासत महोत्सव ने संगीत और नृत्य कला के सम्मिलन से सभी की भावनाओं को एक नया मोड़ दिया। भिन्न-भिन्न स्कूलों की अद्भुत प्रस्तुतियों ने इस महोत्सव को विशेष बना दिया। कत्थक, ओडिसी और भरतनाट्यम जैसे नृत्यों ने दर्शकों का मन मोहा।
सुधीर और अद्भुत वादन के साथ सौमित्र ठाकुर
सिद्धहस्त सितार वादक सौमित्र ठाकुर ने यमन राग की अपने अद्भुत वादन से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके साथ तबले पर शुभ महाराज ने संगति की। वह वादक और शिक्षिका के रूप में अपनी महानता के साथ-साथ अपने संगीत के माध्यम से लोगों के दिलों में जगह बना चुके हैं।
सौमित्र जी का संगीत सफर अनेक पुरस्कारों से भरा हुआ है। उन्हें आकाशवाणी द्वारा "ए" ग्रेड कलाकार के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है। इसके अलावे उन्हें राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल द्वारा बालश्री पुरस्कार का सम्मान मिल चुका है।
युवा संगीतकार अनिरुद्ध ऐथल की सफलता के कदम
विरासत महोत्सव में मंच पर उपस्थित अनिरुद्ध ऐथल ने अपनी गायकी से सभी के दिलों को छू लिया। 10 वर्ष की आयु में गायन के प्रशिक्षु के रूप में शुरुआत करने वाले अनिरुद्ध को अब तक अनेक पुरस्कार मिल चुके हैं। उनके द्वारा प्रस्तुत राग मारू बिहाग व राग अड़ाना के अद्भुत अंश ने दर्शकों को अभिभूत कर दिया।
गज़लों और गीतों का सम्मोहन
आज की संध्या में, अनुराग शर्मा ने अपनी गज़लों के माध्यम से श्रोताओं को भक्ति और शांती का अनुभव करवा दिया। उनकी गज़ल "कोई फ़रियाद" ने दर्शकों को भावनाओं की गहराई में ले जाकर मंत्रमुग्ध कर दिया।
जनता के बीच अद्भुत जानकारी साझा करने वाले सम्मानित कलाकारों के साथ अनुराग शर्मा की प्रस्तुति यादगार बन गई। उन्होंने फ़िल्म "द मानसून वेडिंग" के संगीत में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसे उनके अद्भुत वादन की वजह से सराहा गया।
निष्कर्ष
विरासत महोत्सव ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि भारतीय संगीत का सफर अनंत है। यह महोत्सव न केवल संगीत के प्रति प्रेम को जगाता है, बल्कि नई प्रतिभाओं को भी मंच प्रदान करता है। इस महोत्सव में शामिल सितार वादक सौमित्र ठाकुर और युवा गायक अनिरुद्ध ऐथल जैसे कलाकारों ने सभी को यह यकीन दिलाया है कि संस्कृति और संगीत की धारा सदैव जीवित रहेगी।
समस्त संगीत प्रेमियों से निवेदन है कि आगे भी ऐसे महोत्सवों का समर्थन करें ताकि हमारी संस्कृति और संगीत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सके।
Team Nainital Samachar, संगीता शर्मा
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