जिला प्रशासन ने कसी कमर, ‘‘ड्रग्स फ्री देवभूमि’’ के संकल्प को साकार करने का कदम
जिला प्रशासन ने कसी कमर, ‘‘ड्रग्स फ्री देवभूमि’’ के संकल्प को साकार करने का कदम
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कम शब्दों में कहें तो, मुख्यमंत्री के संकल्प ‘ड्रग्स फ्री देवभूमि’ को साकार करने के लिए जिला प्रशासन ने ठोस रणनीति बनाई है। इस दिशा में संचालित विभिन्न कार्यक्रमों और अधिकारिक बैठकों के जरिए नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने का उद्देश्य है।
देहरादून- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के दृष्टिकोण ‘‘ड्रग्स फ्री देवभूमि’’ के तहत जिला प्रशासन ने प्रभावी पहल शुरू की है। जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार में जिला स्तरीय नारकोटिक्स को-ऑर्डिनेशन समिति की एक बैठक आयोजित हुई, जिसमें नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार पर रोक लगाने के लिए सभी संबंधित विभागों को समन्वय बनाने एवं कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य की राजधानी में नशा तस्करों के लिए कोई स्थान नहीं है।
आवश्यक निर्देश और कार्रवाई
एक ठोस रणनीति तैयार करने के लिए जिलाधिकारी ने जनपद में सभी दवा फैक्ट्रियों और मेडिकल स्टोर्स का सघन निरीक्षण करने का निर्देश दिया है। इसके लिए नशीले पदार्थों की रोकथाम हेतु आवश्यक जांच तथा निगरानी की जाएगी। सभी मेडिकल स्टोर्स पर अनिवार्य रूप से सीसीटीवी कैमरा लगाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
ड्रग्स टेस्टिंग की व्यवस्था
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को पर्याप्त संख्या में ड्रग्स टेस्टिंग किट खरीदने की सलाह दी है। विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के माध्यम से सभी सरकारी और गैर-सरकारी कॉलेज, विश्वविद्यालय एवं उच्च शिक्षण संस्थानों में विस्तारित स्तर पर ड्रग्स टेस्टिंग कराने के निर्देश दिए गए। इसके लिए आवश्यक फंड भी स्वास्थ्य महकमे को स्वीकृत किया गया है।
नशा मुक्ति केंद्रों का कार्यान्वयन
जिलाधिकारी ने समाज कल्याण अधिकारियों को रायवाला ओल्ड एज होम को शीघ्र नशा मुक्ति एवं मानसिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में संचालित करने का निर्देश दिया है। साथ ही, सभी नशा मुक्ति केंद्रों के स्थलीय निरीक्षण पर भी जोर दिया गया है। शिक्षण संस्थानों में एंटी ड्रग्स समिति को सक्रिय एवं जवाबदेह बनाने के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
जन जागरूकता अभियान
जिलाधिकारी ने इस संबंध में समाज में जागरूकता फैलाने के लिए बैनर तथा पोस्टर के माध्यम से सही जानकारी देने और हेल्पलाइन नंबर 1933 का प्रचार करने की बात कही। इसके अंतर्गत, नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार के बारे में शीघ्र प्रशासन को सूचना देने की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी।
इस बैठक में जिला स्तरीय विभिन्न अधिकारियों का भी समावेश था, जिनमें डीएफओ मंयक गर्ग, अपर जिलाधिकारी प्रशासन जय भारत सिंह, एसडीएम सदर हरिगिरी, एसडीएम स्मृता परमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मुकेश कुमार शर्मा, और कई अन्य महत्वपूर्ण सदस्य शामिल थे।
जिला प्रशासन की यह पहल निश्चित रूप से उत्तराखंड में नशीले पदार्थों के खिलाफ एक ठोस कदम है, जिससे न केवल युवा पीढ़ी को नशे के दुष्प्रभावों से बचाया जा सकेगा, बल्कि समाज में एक स्वस्थ माहौल भी निर्मित होगा।
इस दिशा में सरकार के प्रयासों को सफल बनाने के लिए जन सहयोग आवश्यक है। इसलिए, सभी नागरिकों को भी सजग रहना होगा और अपने अधिकारों एवं जिम्मेदारियों को समझते हुए प्रशासन का सहयोग करना होगा।
फिर से एक बार यह स्पष्ट किया जाता है कि यदि आप किसी भी अवैध ड्रग्स गतिविधि के बारे में जानकारी रखते हैं, तो कृपया हेल्पलाइन नंबर 1933 पर संपर्क करें।
टीम नैनीताल समाचार
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