Uttarapradesh: टाइगर अभी जिंदा है कहते हुए हरीश रावत ने भरी हुंकार और कहा मुझमें भाजपा की लुटिया डुबाने की ताकत
देहरादून। उत्तराखंड की राजनीति में कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भले ही इन दिनों संगठन में सीधे तौर पर सक्रिय नजर न आ रहे हों लेकिन उनके तेवर आज भी पुराने हैं। शुक्रवार को अपने निजी आवास पर पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने एक बार फिर अपने बयानों से सियासी पारा चढ़ा दिया है। हरीश रावत ने अपने विरोधियों को संदेश देते हुए फिल्मी अंदाज में कहा कि मैं हूं इसका अर्थ है कि टाइगर अभी जिंदा है।
भाजपा को अपने निशाने पर लेते हुए रावत ने दावा किया कि उनमें अभी भी इतनी राजनीतिक शक्ति और दमखम बाकी है कि वे भाजपा की लुटिया डुबा सकते हैं। उन्होंने आत्मविश्वास के साथ कहा कि अगर हवा में थोड़ा सा भी बदलाव आया तो सब देखेंगे कि भाजपा को उत्तराखंड में बुरी तरह पराजित किया जाएगा। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब राज्य में कांग्रेस नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है।
हरीश रावत ने केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा का नाम बदलने की कोशिशों पर भी तीखा हमला बोला। राम के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जहां राम की बात है तो वे खुद भक्तवत्सल राजा राम के भक्त हैं और रघुवंशी हैं। उन्होंने याद दिलाया कि दुनिया के अंदर राम के सबसे बड़े भक्त अगर कोई थे तो वे महात्मा गांधी थे जिन्होंने देश को रघुपति राघव राजा राम जैसा अनमोल भजन दिया। रावत ने कहा कि राम ने हमेशा अपने भक्तों को आगे रखा है लेकिन भाजपा उल्टी गंगा बहा रही है और उनके सबसे बड़े भक्त का नाम ही मिटाने पर तुली है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने भावुक होते हुए कहा कि आजाद भारत में किसी ने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि महात्मा गांधी के नाम पर चल रही किसी योजना को इस तरह समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा मनरेगा का नाम बदलकर केवल महात्मा गांधी का नाम ही नहीं मिटा रही है बल्कि वह ग्राम सरकार की उस मूल परिकल्पना को ही खत्म कर रही है जो ग्रामीण भारत की रीढ़ है। रावत के इन बयानों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे भले ही सत्ता में न हों लेकिन विपक्ष की आवाज बनकर भाजपा को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ते।
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