वन मंत्री सुबोध उनियाल ने स्वच्छ भारत ग्रामीण मिशन पर राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत किया उत्तराखंड का विजन

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने स्वच्छ भारत ग्रामीण मिशन पर राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत किया उत्तराखंड का विजन
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने दिल्ली में स्वच्छ भारत ग्रामीण मिशन पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में महत्वपूर्ण विचार साझा किए हैं।
जिसमें उन्होंने बताया कि पहाड़ी राज्यों की भौगोलिक संरचना को ध्यान में रखते हुए, उत्तराखंड सरकार द्वारा स्वच्छता और कचरा प्रबंधन के लिए विशेष योजनाएँ लागू की गई हैं।
उत्तराखंड के माननीय वन, भाषा, निर्वाचन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री सुबोध उनियाल जी ने आज नई दिल्ली में भारत मंडपम, प्रगति मैदान में आयोजित स्वच्छ भारत ग्रामीण मिशन (SBM-G II) एवं SBM-G 3.0 पर संवाद कार्यक्रम में राज्य का सकारात्मक प्रतिनिधित्व किया।
स्वच्छता की नई दिशा
इस अवसर पर, उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्यों की भौगोलिक स्थितियाँ मैदानों से भिन्न होती हैं, जिसके कारण स्वच्छता और कचरा निस्तारण के लिए अलग दृष्टिकोण की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार इन चुनौतियों का सामना करने के लिए विशेष योजनाएँ लागू कर रही है।
प्लास्टिक कचरे का प्रबंधन
सुबोध उनियाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा पर्यावरण मित्रों की नियुक्ति की जाएगी। ये पर्यावरण मित्र वन क्षेत्रों में फैले प्लास्टिक कचरे को एकत्रित करके उसका सुरक्षित निपटान सुनिश्चित करेंगे। इस उपाय से न केवल कचरे का निपटान होगा, बल्कि इससे स्थानीय समुदाय को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे।
फीकल स्लज प्रबंधन
उन्होंने आगे कहा कि दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में जहां वाहनों की पहुँच संभव नहीं है, वहां स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए "ट्विन पिट" शौचालयों का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए फंड की धनराशि 5,000 रुपये से बढ़ाकर 8,600 रुपये तक करने का प्रस्ताव है। यह तकनीक पहाड़ी क्षेत्रों के लिए उचित और टिकाऊ मानी जा रही है।
सैनिटेशन अभियान
स्वच्छता को जन आंदोलन बनाने के उद्देश्य से विशेष अभियानों को संचालन हेतु योजना बनाई गई है। इस अभियान का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि जंगल और पर्यावरण सदा स्वच्छ और सुरक्षित रहें।
सुबोध उनियाल ने कहा, "इन योजनाओं से न केवल गाँवों और वन क्षेत्रों में स्वच्छता का स्तर ऊँचा होगा, बल्कि स्थानीय लोगों की सक्रिय भागीदारी से रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।" मंत्री जी ने केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सहयोगात्मक भूमिका की प्रशंसा की और आशा जताई कि आगे भी इसी तरह का सहयोग मिलता रहेगा।
उम्मीद है कि इस सम्मेलन के माध्यम से स्वच्छ भारत अभियान को नई ऊर्जा मिलेगी और इससे पहाड़ी राज्यों में स्वच्छता के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
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सादर,
टीम नैनीताल समाचार - साक्षी राणा
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