महिला सशक्तिकरण और स्थानीय उत्पादों के अवलंबन के लिए नया कदम: "हिलासं आउटलेट"

महिला सशक्तिकरण एवं स्थानीय उत्पादों के प्रोत्साहन की दिशा में जिला प्रशासन का अभिनव प्रोजेक्ट “हिलासं आउटलेट”; जनमानस को समर्पित
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कम शब्दों में कहें तो, देहरादून में मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए “हिलांस-कम-किचन आउटलेट्स” का उद्घाटन किया है, जो महिला सशक्तिकरण और स्थानीय उत्पादों के प्रचार को बढ़ावा देगा।
देहरादून – उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने हाल ही में घण्टाघर क्षेत्र में 4 अत्याधुनिक “हिलांस-कम-किचन आउटलेट्स” का उद्घाटन किया। यह आउटलेट्स महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को सहायता प्रदान करने, स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने, और स्थानीय पहाड़ी उत्पादों के प्रचार को सशक्त बनाने के उद्देश्य से स्थापित किए गए हैं।
इस पहल के अंतर्गत, जिला प्रशासन द्वारा जनपद देहरादून में चार स्थानों पर हिलांस कैंटीनों का लोकार्पण किया गया है, जो कलेक्ट्रेट, कोरोनेशन अस्पताल, गुच्चुपानी और आईएसबीटी में स्थित हैं। इन कैंटीनों का उद्देश्य न केवल आम लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण वस्तुएं उपलब्ध कराना है, बल्कि यह स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए स्वरोजगार एवं आत्मनिर्भरता के लिए एक ठोस आधार भी प्रदान करेगा।
महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस कदम
इस उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल मातृशक्ति को सशक्त बनाने और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य महिला शक्ति को आत्मनिर्भर बनाना है, और हिलांस आउटलेट्स के माध्यम से महिलाओं को कई स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
हर महिला को इस काबिल बनाया जाना चाहिए कि वे अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकें। देश के विकास में महिलाओं की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हिलांस आउटलेट्स को खोलने का मुख्य उद्देश्य सस्ती और स्थानीय उत्पादों को लोगों तक पहुंचाना है, जिससे राज्य के पारंपरिक एवं जैविक उत्पादों को नया बाजार मिलेगा।
स्थानीय उत्पादों का महत्व
हिलांस आउटलेट्स के माध्यम से न केवल महिलाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि यह स्थानीय उत्पादों के प्रचार-प्रसार के लिए भी एक बड़ा अवसर है। उत्तराखंड में अनेक प्रकार के जैविक और पारंपरिक उत्पाद मौजूद हैं। हिलांस आउटलेट्स इन उत्पादों को दर्शकों तक पहुंचाने का काम करेंगे। यह पहल उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएगी।
इस प्रकार, यह परियोजना सिर्फ एक व्यवसायिक पहल नहीं है, बल्कि यह उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में एक नई सोच का प्रतीक भी है।
भविष्य की योजनाएं
जिला प्रशासन द्वारा इस प्रकार के और आउटलेट्स खोलने की योजना बनाई जा रही है, ताकि अधिक से अधिक महिलाओं को इसका लाभ प्राप्त हो सके। साथ ही, संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा ताकि ये महिलाएं अपने उत्पादों को बेहतर तरीके से प्रस्तुत कर सकें।
यह पहल निश्चित रूप से राज्य में महिला सशक्तिकरण और सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
आम जनता से अपील की गई है कि वे इन आउटलेट्स का समर्थन करें और स्थानीय उत्पादों को अपनाएं। इस प्रकार, हम सभी एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।
इस अनूठी पहल को लेकर लोगों में काफी उत्साह है और इसे एक नए युग की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। सभी को उम्मीद है कि यह प्रोजेक्ट महिलाओं के लिए नई रोशनी लेकर आएगा।
आप सभी से निवेदन है कि स्थानीय उत्पादों और महिलाओं के सशक्तिकरण के इस अभियान में भाग लेने के लिए आगे आएं।
इसके साथ ही, इस अभियान की सफलता के लिए अहम भूमिका निभाने के लिए स्थानीय समुदाय को भी साथ आना चाहिए।
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टीम, नैनिताल समाचार
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