Uttarakhand: मुख्यमंत्री धामी ने श्रम संहिताओं को बताया ‘नए युग का शुभारंभ’, राज्य सरकार कटिबद्ध

Nov 24, 2025 - 08:30
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Uttarakhand: मुख्यमंत्री धामी ने श्रम संहिताओं को बताया ‘नए युग का शुभारंभ’, राज्य सरकार कटिबद्ध

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि श्रम सुधारों का क्रियान्वयन देश के कार्यबल के लिए एक नए युग की शुरुआत है। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के संदर्भ में चार श्रम संहिताओं को लागू किए जाने को एक महत्वपूर्ण निर्णय बताया, जिससे दूरगामी और सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उत्तराखंड सरकार इन श्रम संहिताओं का पूरी तरह से पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने इन महत्वपूर्ण श्रम सुधारों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार भी व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में एक नई कार्यसंस्कृति ने अपनी जगह बनाई है। इन नई नीतियों का निर्धारण विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

उन्होंने बताया कि पहले के श्रम कानूनों के कारण असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का एक बड़ा हिस्सा सामाजिक सुरक्षा के दायरे से बाहर था। उनके लिए सामाजिक सुरक्षा का भी अभाव था, और न्यूनतम वेतन का प्रावधान भी कुछ ही क्षेत्रों तक सीमित था। इन पुराने श्रम कानूनों से व्यापारिक सुगमता भी प्रभावित हो रही थी, जिसका विदेशी निवेश पर प्रतिकूल असर पड़ रहा था। ‘इंस्पेक्टर राज’ की व्यवस्था से व्यापार और उद्योगों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था। इन सभी पहलुओं को देखते हुए, भारत सरकार ने श्रम सुधारों को लागू कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है।

श्रमिकों के हितों की रक्षा और नारी शक्ति का सशक्तिकरण

मुख्यमंत्री ने कहा कि नए कानूनों के प्रावधान श्रमिकों के हितों की मजबूत ढंग से रक्षा करते हैं। उन्होंने न्यूनतम और समय पर वेतन की अनिवार्यता, नियुक्ति पत्र की बाध्यता जैसे प्रावधानों को अभूतपूर्व बताया। ये श्रम सुधार लगभग 40 करोड़ श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। इसके अतिरिक्त, महिला श्रमिकों को समान अवसर और समान वेतन के साथ-साथ रात्रि पाली में काम करने की स्वतंत्रता प्रदान की गई है, जिसे नारी शक्ति को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा निर्णय माना जा रहा है।

मुख्यमंत्री का कहना है कि निश्चित अवधि के कर्मचारियों को एक वर्ष की सेवा के बाद ग्रेच्युटी का मिलना, श्रमिकों के लिए मुफ्त वार्षिक स्वास्थ्य जांच की अनिवार्यता, और जोखिम भरे कार्य क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए सौ प्रतिशत स्वास्थ्य सुरक्षा जैसे प्रावधान अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि इन श्रम सुधारों से राज्य में श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा और बेहतर कार्य वातावरण मिलेगा, वहीं व्यवसाय और उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल बनने से कार्य करना आसान होगा। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इन श्रम कानूनों से राज्य के श्रमिक और उद्योग दोनों ही पक्ष लाभान्वित होंगे।

 

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