Uttarakhand: मुख्यमंत्री धामी ने लॉन में बैठकर किसानों के साथ चखा गन्ने का स्वाद और सुनी समस्याएं
उत्तराखंड की सत्ता के गलियारों में मंगलवार को एक बेहद ही सौम्य और जमीनी तस्वीर देखने को मिली। अक्सर वीआईपी प्रोटोकॉल और सुरक्षा घेरे में रहने वाले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का एक अलग ही अंदाज नजर आया। उन्होंने प्रोटोकॉल को दरकिनार करते हुए अपने आवास के लॉन में ही बैठकर किसानों के साथ सीधा संवाद किया। इतना ही नहीं, जब किसानों ने उन्हें अपने खेत का गन्ना भेंट किया, तो मुख्यमंत्री ने वहीं धूप में बैठकर बड़े चाव से गन्ने का स्वाद भी लिया। मुख्यमंत्री की इस सादगी ने वहां मौजूद किसान प्रतिनिधियों का दिल जीत लिया और माहौल को बेहद अनौपचारिक बना दिया।
मामला हरिद्वार जनपद से आए गन्ना किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल से जुड़ा है। मंगलवार को विधायक आदेश चौहान और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद के नेतृत्व में किसानों का एक दल अपनी समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचा था। इस मुलाकात के दौरान किसानों ने मुख्यमंत्री को गन्ने की फसल भेंट की। मुख्यमंत्री धामी ने किसानों का यह उपहार स्वीकार किया और उनके साथ ही जमीन पर बैठकर उनकी बातें सुनीं।
मुलाकात के दौरान किसान नेताओं ने गन्ना किसानों से जुड़े कई गंभीर मुद्दे उठाए। सबसे प्रमुख मांग आगामी पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ने का राज्य परामर्शित मूल्य (एसएपी) घोषित करने को लेकर थी। किसानों का कहना था कि समय पर मूल्य घोषित होने से उन्हें अपनी फसल की योजना बनाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, हरिद्वार के ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं को भी प्रमुखता से रखा गया। प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि रायसी से बालावाली पुल तक गंगा नदी पर तटबंध का निर्माण कराया जाए, ताकि बरसात के दिनों में बाढ़ से होने वाले नुकसान से बचा जा सके।
किसानों ने इकबालपुर, झबरेड़ा और भगवानपुर क्षेत्र की दिक्कतों का भी जिक्र किया। उन्होंने मांग उठाई कि इस क्षेत्र में एक नई शुगर मिल स्थापित की जाए ताकि किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए दूर न जाना पड़े। इसके साथ ही इकबालपुर और झबरेड़ा क्षेत्र में सिंचाई नहरों के निर्माण की मांग भी रखी गई। डोईवाला शुगर मिल पर किसानों के बकाया भुगतान का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाया गया, जिस पर किसानों ने जल्द से जल्द भुगतान कराने की अपील की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लॉन में गन्ने का आनंद लेते हुए बेहद धैर्यपूर्वक किसानों की एक-एक समस्या को सुना। उन्होंने किसान प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि उनकी सरकार किसानों के हितों के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। गन्ना मूल्य निर्धारण सहित तटबंध निर्माण और बकाया भुगतान जैसे मुद्दों पर उन्होंने सकारात्मक रुख दिखाते हुए जल्द उचित निर्णय लेने का भरोसा दिलाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्नदाताओं की खुशहाली ही सरकार की प्राथमिकता है।
इस अवसर पर विधायक प्रदीप बत्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष किरन चौधरी और पूर्व विधायक संजय गुप्ता भी मौजूद रहे। सभी ने मुख्यमंत्री के इस सहज व्यवहार की सराहना की और उम्मीद जताई कि जल्द ही गन्ना किसानों की समस्याओं का समाधान होगा।
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