वन विभाग की घोर लापरवाही हुई उजागर — टाइगर के हमले में चार माह के हाथी शावक की मौत, शव एक सप्ताह पुराना, शव सड़ने के बाद ग्रामीणों से मिली खबर! सोता रहा वन महकमा।
वन विभाग की घोर लापरवाही हुई उजागर — टाइगर के हमले में चार माह के हाथी शावक की मौत, शव एक सप्ताह पुराना, शव सड़ने के बाद ग्रामीणों से मिली खबर! सोता रहा वन महकमा।
वन विभाग में मचा हड़कंप, मौके पर वन विभाग की टीम ने कराया पोस्टमार्टम।
वन विभाग के दो पशु चिकित्सकों के पैनल ने पोस्टमार्टम कर शव मौके पर दफनाया।
खटीमा (उद्यम सिंह नगर ) सीमांत क्षेत्र खटीमा वन रेंज के हाथी कॉरिडोर में वन विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। टाइगर के हमले में चार माह के नर हाथी शावक की मौत हो गई, लेकिन विभाग को इसकी जानकारी एक सप्ताह से अधिक समय तक नहीं लग सकी।शव सड़ने की स्थिति में मिला, जिससे विभागीय दावों की पोल खुल गई है।
ये घटना खटीमा वन रेंज की चकरपुर बीट के उत्तरी बनबसा कम्पार्ट में कक्ष संख्या आठ की है, चारा लेने गई महिलाओं ने शव देखा। ग्रामीणों ने जब क्षेत्र में तेज दुर्गंध महसूस की और झाड़ियों में शव देखा, तब जाकर वन विभाग को सूचना दी गई।सूचना मिलते ही विभाग में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में अधिकारी व टीम मौके पर पहुंची।
एसडीओ संचिता वर्मा ने बताया कि रविवार देर शाम ग्रामीणों से सूचना मिली, जिसके बाद सोमवार सुबह वनकर्मी और चिकित्सक घटनास्थल पर पहुंचे। नॉर्थ बनबसा कंपार्ट कक्ष संख्या 8 में वन विभाग के पशु चिकित्सक डॉ. आर.आर. चंदोला, डॉ. एम.एस. मलिक, प्रशिक्षु महेश राजपूत और मदन लाल ने शावक का पोस्टमार्टम किया और शव को वहीं वन क्षेत्र में दफना दिया।पशु चिकित्सकों के अनुसार मृत हाथी का बच्चा लगभग चार माह का था और शव एक सप्ताह पुराना है। हाथी के बच्चे के शव का पोस्टमार्टम करने के बाद दफना दिया गया है।
-संचिता वर्मा, एसडीओ, वन विभाग
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि हाथी का शव करीब एक सप्ताह पुराना था।घटनास्थल पर आपसी संघर्ष के गहरे निशान, पेड़ों के टूटी टहनियाँ और टाइगर के पंजों के निशान मिले।प्रारंभिक जांच में माना गया कि झुंड के साथ चलते समय शावक पर टाइगर ने हमला किया था।बताया जा रहा है कि झुंड के साथ हाथी के बच्चे पर टाइगर ने हमला किया है।

वन विभाग के अधिकारी इसे “दुर्लभ घटना” बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं, लेकिन स्थानीय लोगों ने विभाग की सुस्ती और निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर क्षेत्र में नियमित गश्त और निगरानी होती, तो शावक की मौत का पता समय रहते चल जाता और संभवतः उसकी जान बचाई जा सकती थी।
**********************************************
घटना ने वन विभाग की सिस्टमेटिक लापरवाही को एक बार फिर उजागर कर दिया है। जहां हाथियों की आवाजाही वाला संवेदनशील कॉरिडोर है, वहां हफ्तों तक किसी भी अधिकारी या गश्ती टीम का न पहुंचना विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है।
**********************************************
अब विभाग ने क्षेत्र में वन्यजीव निगरानी बढ़ाने, कैमरा ट्रैप लगाने और गश्ती दलों की संख्या बढ़ाने के निर्देश जारी किए हैं।इस दौरान पूरी कार्यवाही में वन विभाग चकरपुर बीट इंचार्ज उत्तम सिंह राणा,मनोज ठुकराती,दीपक कश्यप,गंगा राम मौजूद रहे।
बताया जा रहा है कि मृत शावक की मां कई बार अपने बच्चे के शव के पास लौटकर पहुंचती रही — जो इस पूरे प्रकरण को और भी मार्मिक और पीड़ादायक बना देता है।
The post वन विभाग की घोर लापरवाही हुई उजागर — टाइगर के हमले में चार माह के हाथी शावक की मौत, शव एक सप्ताह पुराना, शव सड़ने के बाद ग्रामीणों से मिली खबर! सोता रहा वन महकमा। first appeared on Uttarakhandlive24.
What's Your Reaction?
Like
0
Dislike
0
Love
0
Funny
0
Angry
0
Sad
0
Wow
0