हल्द्वानी में 4 दिन में तैयार हुआ फर्जी स्थायी निवासः बरेली के युवक को हल्द्वानी का बनाया; रिश्तेदार ने खोली CSC संचालक की पोल, मामले में 3 आरोपी गिरफ्तार, ऐसे तैयार करते थे कागजात।
हल्द्वानी में 4 दिन में तैयार हुआ फर्जी स्थायी निवासः बरेली के युवक को हल्द्वानी का बनाया; रिश्तेदार ने खोली CSC संचालक की पोल, मामले में 3 आरोपी गिरफ्तार, ऐसे तैयार करते थे कागजात।
हल्द्वानी: फर्जी दस्तावेज के स्थाई निवास प्रमाण पत्र हासिल करने के मामले में बनभूलपुरा पुलिस ने अर्जीनवीस समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एक आरोपी यूपीसीएल का कर्मचारी है। जो कि लाभार्थी के नाम पर पुराना बिजली का बिल अर्जीनवीस को मुहैया करता था। वहीं, पुलिस ने तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर सलाखों के पीछे भेज दिया है।
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने CSC में की थी छापेमारी: गौर हो कि बीती 13 नवंबर को कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने बनभूलपुरा क्षेत्र में एक सीएससी यानी कॉमन सर्विस सेंटर में छापेमारी की थी।छापेमारी के दौरान फर्जी दस्तावेज तैयार कर स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाने का मामला सामने आया था।मामले में आरोपी अर्जीनवीस फैजान के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
अर्जीनवीस के साथ 3 आरोपी गिरफ्तार: वहीं, हल्द्वानी तहसीलदार की तहरीर पर 14 नवंबर को बनभूलपुरा में आरोपी फैजान और रईस के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने दस्तावेज की जांच की तो टीम को अहम सुराग हाथ लगे। जिसके बाद पुलिस ने अर्जीनवीस फैजान, रईस अहमद समेत फर्जीवाड़े में शामिल ऊर्जा निगम के हल्द्वानी कार्यालय के डेटा ऑपरेटर दिनेश सिंह दासपा को गिरफ्तार किया है।
स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए दूसरे व्यक्ति के बिल का किया था इस्तेमाल: नैनीताल एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में आरोपी फैजान (सीएससी संचालक) निवासी गोपाल मंदिर मुस्तफा चौक नई बस्ती बनभूलपुरा (हल्द्वानी) ने बताया कि रईस अहमद के स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाने में उन्होंने किसी दूसरे व्यक्ति रईस के 15 साल पुराने बिजली के बिल का इस्तेमाल किया था।
इसके लिए उन्होंने विद्युत विभाग के कर्मचारी जो कि यूपीसीएल तिकोनिया कार्यालय में टेक्निकल गेट सेकंड के पद पर तैनात दिनेश से संपर्क किया. जिसने रईस नाम के एक व्यक्ति का 15 साल पुराना बिजली का बिल स्टांप युक्त प्रतियां उपलब्ध कराया। जिसका इस्तेमाल रईस का स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाने में किया गया।
रईस ने मैरिज सर्टिफिकेट भी बनाया: जांच में ये भी जानकारी सामने आई है कि आरोपी रईस ने इसी के जरिए मैरिज सर्टिफिकेट भी बनाया है। इसके अलावा आरोपी फैजान के मोबाइल से विद्युत कर्मचारी दिनेश के साथ कई बिजली के बिल का आदान प्रदान भी होना पाया गया है। फिलहाल, बनभूलपुरा थाना पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
कैसे हुआ खुलासा? बता दें कि कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के जनता दरबार कार्यक्रम में एक शिकायत दर्ज हुई थी. जिसमें एक शख्स ने बताया था कि उनके नाम पर दो महीने पहले बरेली से आए रईस नाम के शख्स का स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाया गया है।मामले की गोपनीय जांच में पता चला कि उक्त स्थाई निवास प्रमाण पत्र अर्जीनवीस फैजान से बनवाया गया है।जिसके बाद कुमाऊं कमिश्नर ने 13 नवंबर की शाम को बनभूलपुरा के एक सीएससी में छापेमारी की।
छापेमारी में टीम को कई लोगों के पर्सनल दस्तावेज मिले थे. जिसके बाद कमिश्नर रावत ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर स्थाई निवास बनवाने वाले फैजान और लाभार्थी रईस के खिलाफ तहसीलदार को मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए। वहीं, 14 नवंबर को तहसीलदार कुलदीप पांडेय की तहरीर पर बनभूलपुरा थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की. जिसके तहत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
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