वन निगम का ‘शातिर’ ऑपरेटर—26 महीने में ऐसा खेल कि अफसर भी दंग! भ्रष्टाचार का जाल बुनकर करोड़ों की व्यवस्था हिला दी; विभाग ने बर्खास्त कर किया ब्लैकलिस्ट
वन निगम का ‘शातिर’ ऑपरेटर—26 महीने में ऐसा खेल कि अफसर भी दंग! भ्रष्टाचार का जाल बुनकर करोड़ों की व्यवस्था हिला दी; विभाग ने बर्खास्त कर किया ब्लैकलिस्ट ।
हल्द्वानी। वन निगम के लौंगिग प्रभाग पूर्वी हल्द्वानी में तैनात एक संविदा कंप्यूटर ऑपरेटर ने महज 26 महीने की नौकरी में भ्रष्टाचार का ऐसा नेटवर्क खड़ा किया कि विभाग के अधिकारी भी सन्न रह गए। ऑपरेटर महेंद्र सिंह बिष्ट पर फर्जी उपस्थिति, वेतन गड़बड़ी, भाई के नाम से भुगतान, पासवर्ड बदलने और विभागीय संसाधनों की चोरी जैसे गंभीर आरोपों की पुष्टि होने के बाद उसे बर्खास्त कर पूरे वन विकास निगम से ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है।
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वन निगम के लौंगिग प्रभाग पूर्वी हल्द्वानी में संविदा की दो साल दो महीने की नौकरी में एक कंप्यूटर आपरेटर ने अपने शातिराना दिमाग से विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ें अपलोड कर दीं। धीरे-धीरे भ्रष्टाचार का पौधा बड़ा होने लगा और युवक पर लाखों के खेल का आरोप लगा। बायोमैट्रिक मशीन लगी होने के बावजूद यह कंप्यूटर ऑपरेटर उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर करता रहा। यही नहीं संविदा कर्मियों के वेतन का भुगतान भी विभाग के चेक की फोटो कापी बैंक में भेजकर करवा देता था।
वन निगम के लौंगिग प्रभाग पूर्वी हल्द्वानी में संविदा की दो साल दो महीने की नौकरी में एक कंप्यूटर आपरेटर ने अपने शातिराना दिमाग से विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ें अपलोड कर दीं। धीरे-धीरे भ्रष्टाचार का पौधा बड़ा होने लगा और युवक पर लाखों के खेल का आरोप लगा। बायोमैट्रिक मशीन लगी होने के बावजूद यह कंप्यूटर ऑपरेटर उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर करता रहा। यही नहीं संविदा कर्मियों के वेतन का भुगतान भी विभाग के चेक की फोटो कापी बैंक में भेजकर करवा देता था।
उपस्थिति और अनुपस्थिति का खेल कंप्यूटर ऑपरेटर 19, 20 और 21 दिसंबर 2023 और छह मार्च 2024 को बॉयोमैट्रिक मशीन के रिकॉर्ड में अनुपस्थित था और उसने रजिस्टर में बैक डेट में हस्ताक्षर किए थे। 26 माह में 76 बार उसने ऑफिस के तय समय से पहले सुबह आठ से नौ बजे के बीच उपस्थिति दर्ज कराई। फिर पूरे दिन गायब रहा। सात बार अवकाश का आवेदन कर स्वीकृति ली और बॉयोमैट्रिक में उपस्थिति भी दर्ज कराई। यहां तक कि खुद जो डाक भेजता था और उसे भी स्वयं ही डिस्पैच रजिस्टर पर चढ़ाता था। जांच में पता चला कि विभागीय कार्य के लिए मिले माउस और कीबोर्ड को अपने घर लेकर चला गया।
सगे भाई को कराया भुगतान
ऑपरेटर महेंद्र ने अपने भाई अजय बिष्ट के नाम से यांत्रिक विधि से नंधौर छकाता रेंज के लॉट संख्या 05/2022-2023 में जड़ खुदान का कोटेशन डलवाया। कार्य के बाद भाई के खाते में 2,21,840 का भुगतान भी कराया। जांच रिपोर्ट के अनुसार यह कोटेशन भी भाई के नाम पर उसके खुद की हस्तलिपि से डालना प्रतीत हो रहा है।
आरटीआई से जानकारी मांगी तो पासवर्ड बदला
आरटीआई के तहत लौंगिग प्रभाग पूर्वी हल्द्वानी से ऑपरेटर की जानकारी मांगी गई। इस पर आरटीआई से जुड़े लॉगिन का यूजर आईडी और पासवर्ड भी चेंज कर दिया गया। इसका आरोप भी महेंद्र पर लगा। फिर यह मुख्यालय से किसी तरह रिकवर किया गया।
राजकीय खाते से करा दिया पेमेंट
जांच रिपोर्ट में है कि कंप्यूटर ऑपरेटर ने सहायक लेखाकार मोहन कुमार और राष्ट्रीयकृत बैंक के कुछ स्टाफ से मिलीभगत कर राजकीय खाते से आउटसोर्स कार्मिकों के मानदेय का 72,775 का भुगतान वन निगम के चेक की फोटो कॉपी से करा दिया। बाद में वन प्रभाग ने जब चेक भेजा तो दोबारा भुगतान हुआ। इसके बाद 72,775 रुपये वापस लेने में एक माह लग गया।
तीन से चार माह पहले डीएलएम पूर्वी हल्द्वानी का कार्यभार ग्रहण किया। कंप्यूटर ऑपरेटर महेंद्र सिंह बिष्ट के खिलाफ कई गंभीर शिकायतें थीं। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट में भ्रष्टाचार और अनियमितता से जुड़े कई मामले सामने आए। कंप्यूटर ऑपरेटर को बर्खास्त करते हुए उसे संपूर्ण वन विकास निगम से ब्लैक लिस्टेड किया है। उपेंद्र सिंह बर्तवाल, डीएलएम, हल्द्वानी पूर्वी
विभाग में हड़कंप
इस पूरे मामले ने वन निगम के लौंगिग प्रभाग में भ्रष्टाचार के तौर-तरीकों पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। एक संविदा कर्मी का इस तरह विभागीय सिस्टम में सेंध लगाना, फर्जी उपस्थिति से लेकर वित्तीय अनियमितताओं तक गंभीर चूक माना जा रहा है।
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