. “डीएम सविन बंसल की पहल—बेटी प्रियंका को नई उड़ान”

Nov 24, 2025 - 08:30
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. “डीएम सविन बंसल की पहल—बेटी प्रियंका को नई उड़ान”

नंदा–सुनंदा योजना के माध्यम से 90 बालिकाओं की शिक्षा पुनर्जीवित

मा. मुख्यमंत्री के ‘शिक्षित बेटियां–सशक्त समाज’ के संकल्प को देहरादून जिला प्रशासन निरंतर कर रहा चरितार्थ

 

देहरादून, आर्थिक रूप से अत्यंत कमजोर परिवार से आने वाली, बिन पिता की होनहार इंजीनियर प्रियंका कुकरेती को जिला प्रशासन देहरादून ने नए जीवन की दिशा दी है। जिला प्रशासन की पहल पर प्रियंका को एक प्रतिष्ठित निजी शैक्षणिक संस्थान में लैब ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया गया है। रोजगार मिलने के बाद प्रियंका अपनी माता के साथ जिलाधिकारी सविन बंसल से मिलकर उनका आभार व्यक्त करने कलेक्ट्रेट पहुंची।

2021 में पिता के देहांत के बाद टूटा परिवार, भाई दिव्यांग—आर्थिक स्थिति अत्यंत खराब

अक्टूबर माह में प्रियंका अपनी माता के साथ जिलाधिकारी से मिली थीं और अपने परिवार की दयनीय आर्थिक स्थिति बताते हुए रोजगार और शिक्षा में सहायता की गुहार लगाई थी।
जिलाधिकारी ने तत्काल निर्णय लेते हुए प्रियंका को राइफल फंड से 25,000 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की तथा उनकी योग्यता के अनुरूप निजी संस्थान में रोजगार उपलब्ध कराया।

जिला प्रशासन देगा उच्च शिक्षा का संपूर्ण सहयोग

रोजगार मिलने के बाद जब प्रियंका धन्यवाद देने पहुंचीं, तब जिलाधिकारी ने पूछा कि क्या वह नौकरी के साथ आगे पढ़ाई जारी रखना चाहती हैं। प्रियंका की इच्छा व्यक्त करने पर डीएम सविन बंसल ने एमटेक में तत्काल दाखिले हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।

रोजगार के साथ आगे की पढ़ाई का भी वचन

प्रियंका की फीस, पुस्तकों एवं शिक्षा से जुड़ा अन्य व्यय जिला प्रशासन व निजी संस्थान संयुक्त रूप से वहन करेंगे। अगले सत्र में प्रियंका का इसी संस्थान में स्नातकोत्तर (M.Tech) में प्रवेश सुनिश्चित किया जाएगा।

जिला प्रशासन का ‘वन-स्ट्रोक मॉडल’: शिक्षा व रोजगार दोनों को पुनर्जीवित करने की पहल

मा. मुख्यमंत्री के ‘शिक्षित बेटियां–सशक्त समाज’ के संकल्प को साकार करने हेतु जिला प्रशासन निरंतर प्रयासरत है। आर्थिक रूप से कमजोर, बिन पिता की बेटियों व जरूरतमंद छात्राओं को शिक्षा व रोजगार दोनों में सहयोग दिया जा रहा है।

जिलाधिकारी ने कहा कि—
“प्रतिभाशाली बेटियों की शिक्षा किसी भी हाल में रुकने नहीं दी जाएगी। जिला प्रशासन हर संभव मदद करता रहेगा।”

नंदा–सुनंदा योजना के तहत अब तक 90 बालिकाओं की शिक्षा पुनर्जीवित

जिलाधिकारी के पास प्रतिदिन ऐसे प्रकरण आ रहे हैं, जहां पारिवारिक संकट के कारण होनहार बेटियों की पढ़ाई रुक रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा नंदा–सुनंदा योजना के अंतर्गत अब तक लगभग 32 लाख रुपये खर्च कर 90 बालिकाओं की शिक्षा पुनर्जीवित की जा चुकी है।

प्रियंका कुकरेती का चयन और उनका एमटेक में प्रवेश जिला प्रशासन के इन प्रयासों की एक और सराहनीय कड़ी है, जो न केवल एक परिवार को संबल देगा बल्कि समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक संदेश भी स्थापित करेगा।

 

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