Uttarakhand: हाई कोर्ट ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में अभियुक्तों को दी राहत की अस्वीकृति, अगली सुनवाई 17 नवंबर को

अंकिता भंडारी हत्याकांड: हाई कोर्ट में अभियुक्तों को राहत नहीं मिली
नैनीताल। उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के अभियुक्त पुलकित आर्या और सौरभ भास्कर को निचली अदालत से मिली आजीवन कारावास की सजा को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई हाई कोर्ट में हुई।
कोर्ट की सुनवाई और निर्देश
बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने इस मामले में दायर याचिकाओं पर आपत्ति पेश करने के लिए सरकार को निर्देशित किया। साथ ही, कोर्ट ने उन पक्षकारों को निचली अदालत के दस्तावेज प्राप्त करने का भी निर्देश दिया, जिन्होंने अभी तक उन्हें नहीं प्राप्त किया है, ताकि अगली सुनवाई में सभी पक्षकार सुने जा सकें।
इसके अलावा, सरकार द्वारा अदालत को बताया गया कि इस मामले के सभी दस्तावेज उच्च न्यायालय में प्रस्तुत कर दिए गए हैं, और कोर्ट ने मामले की अंतिम सुनवाई के लिए 17 नवंबर की तिथि निर्धारित की है। कोर्ट के इस निर्णय के बाद अभियुक्तों को फिलहाल किसी प्रकार की राहत नहीं मिली है।
मामले की पृष्ठभूमि
कोटद्वार एडीजे कोर्ट की ओर से 30 मई 2025 को अंकिता भंडारी की हत्या मामले में अभियुक्तों को धारा 302, 354 अ और 201 के तहत दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इस दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 47 गवाह पेश किए गए, जिन्होंने मामले में महत्वपूर्ण जानकारी प्रस्तुत की।
अभियुक्तों का कहना है कि कोई प्रत्यक्षदर्शी गवाह पेश नहीं किया गया। मामले की जांच में यह कहा गया कि अंकिता का शव कैनाल से बरामद हुआ था। हालांकि, सरकार ने यह आग्रह किया कि अभियुक्त पुलकित और उसके दो अन्य सहयोगियों की लोकेशन घटना स्थल पर पाई गई थी, और फोरेंसिक जांच में भी इनकी लोकेशन घटनास्थल पर पाई गई।
अंकिता का कार्यस्थल और हत्या के तथ्य
पौड़ी जिले के डोभ श्रीकोट की अंकिता भंडारी वनंत्रा रिजॉर्ट ऋषिकेश में कार्यरत थीं। अभियुक्त पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित ने उन पर चीला बैराज में धक्का देकर हत्या की थी। गिरफ्तारी के बाद से ये अभियुक्त जेल में बंद हैं।
अंकिता के पिता का प्रार्थना पत्र
उत्तराखंड हाई कोर्ट में अंकिता के पिता ने भी एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया है, जिसमें उन्होंने आग्रह किया है कि अभियुक्तों की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान उनका पक्ष भी सुना जाए। हालांकि, कोर्ट ने उनके प्रार्थना पत्र पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं दिया है, मगर सरकार को आपत्ति दाखिल करने का निर्देश दिया है।
कम शब्दों में कहें तो, हाई कोर्ट ने अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में अभियुक्तों को राहत नहीं दी है और अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी। यह मामला ना केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मामले में न्याय की उम्मीदें अभी भी जीवित हैं।
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अंततः, आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की उम्मीद जता रहे लोग अब अगली सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच, सरकार को सभी उचित दस्तावेजों और साक्ष्यों के साथ अदालत में उपस्थित होना होगा।
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Team Nainital Samachar
शिवानी कुमारी
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