Uttarakhand: उत्तराखंड एसटीएफ ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ स्कैम का किया भंडाफोड़, बेंगलुरु से मुख्य आरोपित गिरफ्तार
देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ की साइबर क्राइम पुलिस टीम ने देशभर में फैले ‘डिजिटल अरेस्ट’ स्कैम का भंडाफोड़ करने में बड़ी सफलता हासिल की है. इस गिरोह ने लगभग 87 लाख रुपये की ठगी की थी. टीम ने इस स्कैम के मुख्य आरोपित किरण कुमार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है. आरोपित देशभर में कई साइबर धोखाधड़ी मामलों में वांछित था, जिससे इसकी गिरफ्तारी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है.
पुलिस जांच में सामने आया कि साइबर ठगों ने देहरादून और नैनीताल के पीड़ितों को फर्जी सीबीआई और मुंबई पुलिस अधिकारी बनकर वाट्सएप वीडियो कॉल के माध्यम से करीब 48 घंटे तक ‘डिजिटली अरेस्ट’ कर रखा था. इस दौरान, ठगों ने पीड़ितों को मनी लॉन्ड्रिंग और नारकोटिक्स केस में फंसाने का डर दिखाकर उनके बैंक खातों से कुल 87 लाख रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करा लिए. यह तरीका ठगों द्वारा लोगों को डराने और उन्हें मानसिक रूप से दबाव में लाकर धोखाधड़ी करने का एक नया और खतरनाक तरीका है.
41 लाख यश बैंक के खाते में कराए ट्रांसफर
जांच के दौरान पता चला कि ठग ने 41 लाख रुपये की राशि यश बैंक के एक खाते में ट्रांसफर की थी, जो कि राजेश्वरी जीएके एंटरप्राइज के नाम पर दर्ज है. पुलिस ने खुलासा किया कि यह खाता किरण कुमार केएस की ओर से संचालित किया जा रहा था, जिससे उसकी सीधी संलिप्तता साबित हुई.
आरोपित की गिरफ्तारी के बाद उसके कब्जे से तीन मोबाइल फोन, दो सिम कार्ड, कई बैंक चेकबुक, एक लैपटॉप और यूपीआई स्कैनर कोड बरामद किए गए हैं. ये सभी उपकरण धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल किए जाते थे और अब पुलिस को आगे की जांच में मदद करेंगे. पुलिस ने बताया कि आरोपित के विरुद्ध देशभर के 24 से अधिक साइबर धोखाधड़ी मामलों में शिकायतें दर्ज हैं, जिनमें लगभग नौ करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन पाए गए हैं. यह आंकड़ा आरोपित के बड़े पैमाने पर किए गए धोखाधड़ी के कृत्यों को दर्शाता है.
ट्रांजिट रिमांड पर लाया जा रहा है देहरादून
इस संबंध में एसटीएफ एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि यह गिरोह लोगों को टेलीकॉम या जांच एजेंसी का अधिकारी बनकर फंसाता था और उन्हें ऑनलाइन जांच के नाम पर घर में ही ‘अरेस्ट’ कर ठगी करता था. यह तरीका लोगों को भ्रमित करने और उन्हें कानूनी झंझटों में फंसाने का डर पैदा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था. आरोपित को छह दिन के ट्रांजिट रिमांड पर देहरादून लाया जा रहा है, जहां उससे आगे की पूछताछ की जाएगी और इस गिरोह के अन्य सदस्यों और नेटवर्क का पता लगाया जाएगा. इस कार्रवाई में निरीक्षक राजेश सिंह, उपनिरीक्षक जगमोहन सिंह और कांस्टेबल सुधीश खत्री की अहम भूमिका रही.
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