Uttarakhand: चारधाम यात्रा में नया रिकॉर्ड केदारनाथ और बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या ने तोड़े पिछले साल के आंकड़े

Oct 11, 2025 - 08:30
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Uttarakhand: चारधाम यात्रा में नया रिकॉर्ड केदारनाथ और बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या ने तोड़े पिछले साल के आंकड़े

देहरादून: चारधाम यात्रा एक बार फिर रफ्तार पकड़ चुकी है. बारिश और बर्फबारी के बावजूद श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है. केदारनाथ यात्रा ने नया रिकॉर्ड बनाया है, बुधवार तक यहां श्रद्धालुओं की संख्या 16 लाख 52 हजार से अधिक हो गई, जबकि धाम के कपाट बंद होने में अभी 14 दिन बाकी हैं. वर्ष 2024 में पूरे यात्राकाल में 16 लाख 52 हजार 76 यात्री केदार दर्शन के लिए पहुंचे थे.

बुधवार को केदारनाथ धाम में 5614 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. केदार धाम के कपाट आगामी 23 अक्टूबर को भैयादूज के अवसर पर बंद होंगे. अभी यात्रा 15 दिन और चलेगी, जिससे यात्रियों की संख्या में और वृद्धि होने की संभावना है. इस प्रकार यहां यात्रियों की संख्या ने नया रिकॉर्ड बनाया है. बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भी अब यात्रियों की संख्या बढ़ी है. प्रदेश सरकार की ओर से श्रद्धालुओं के उत्साह को देखते हुए सुरक्षित यात्रा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. यात्रा मार्ग में सुरक्षा जवानों की तैनाती की गई है. यात्रा मार्ग पर यातायात सुचारू बना रहे, इसके लिए भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर मलबे की सफाई के लिए जेसीबी की व्यवस्था की गई है.

बता दें कि इस वर्ष 30 अप्रैल को गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का आगाज हो गया था. इसके बाद दो मई को केदारनाथ और चार मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए थे. मानसून सीजन में अतिवृष्टि, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं के चलते चारधाम यात्रा बुरी तरह प्रभावित हुई है. प्रकृति की विनाशलीला में गंगोत्री धाम का महत्वपूर्ण पड़ाव धराली बुरी तरह तबाह हो गया. मार्ग बुरी तरह तहस-नहस हो जाने से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा को रोकना पड़ा था.

बारिश थमने पर भी यहां यात्रा को बहाल करना बड़ी चुनौती थी, लेकिन शासन-प्रशासन की टीमों ने युद्धस्तर पर कार्य कर आम जनजीवन की बहाली के साथ ही यात्रा मार्गों को सुचारू किया. दोनों धामों की यात्रा भी सुरक्षा इंतजामों के साथ शुरू हो गई. प्रशासन की ओर से यात्रियों को अभी भी एहतियात बरतने की सलाह दी गई है. यात्रियों को बार-बार आगाह किया गया है कि मौसम खराब होने पर यात्रा करने से बचें. यदि यात्रा मार्ग में हैं, तो सुरक्षित स्थान पर शरण लें.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा से जुड़े सभी जिलाधिकारियों से कहा है कि श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. सभी यात्रा मार्गों पर आवश्यक यात्री सुविधाओं और सुरक्षा से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं का पूरा ध्यान रखा जाए. सभी जिम्मेदार अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रखा जाए. आपातकालीन स्थिति में बिना किसी देरी के राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया जाए.

बद्रीनाथ में भी श्रद्धालुओं की संख्या का बना रिकॉर्ड

देहरादून: सुप्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम की यात्रा को लेकर भी श्रद्धालुओं में भारी उत्साह बना हुआ है. तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या ने पिछले वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. बुधवार तक कुल 14 लाख 53 हजार 827 तीर्थयात्री भगवान बद्रीविशाल के दर्शन को पहुंच चुके हैं, जबकि कपाट बंद होने में अभी डेढ़ माह का समय शेष है. बीते वर्ष 2024 में पूरे यात्राकाल में कुल 14 लाख 35 हजार 341 श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम की यात्रा पर पहुंचे थे.

धामी सरकार के कुशल यात्रा प्रबंधन के चलते चारधाम यात्रा कीर्तिमान स्थापित कर रही है. शासन-प्रशासन ने खराब मौसम को यात्रियों की राह में रोड़ा नहीं बनने दिया. मौसम के मिजाज को देखते हुए सभी यात्रा रूटों और पड़ावों में चाक चौबंद व्यवस्थाएं की गई हैं. यात्रा मार्ग पर वाहनों का आवागमन सुचारू बना रहे, इसके लिए संवेदनशील स्थानों पर सड़कों को तुरंत खुलवाने के लिए विशेष टीम की तैनाती के साथ ही जेसीबी की व्यवस्था की गई है. धामों में यात्रियों को ठहराने की पर्याप्त व्यवस्था की गई है. यात्रा मार्ग में यात्रियों को तत्काल मदद पहुंचाने के लिए एसडीआरएफ जवानों की तैनाती है. अब बर्फबारी के चलते ठंड बढ़ने पर अलाव की भी व्यवस्था कर दी गई है.

सरकार की ओर से किए गए इन पुख्ता इंतजामों के चलते श्रद्धालु पूरी निश्चिंतता के साथ चारधाम यात्रा पर पहुंच रहे हैं. केदारनाथ के साथ ही बद्रीनाथ धाम में भी पिछले वर्ष की तुलना में यात्रियों की बढ़ती संख्या ने नया रिकॉर्ड बनाया है. बुधवार को 5042 यात्रियों ने भगवान बद्रीविशाल के दर्शन किए. जैसे-जैसे कपाटबंदी की तिथि करीब आ रही है, यात्रियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. बता दें धाम के कपाट आगामी 25 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे.

आज बंद होंगे हेमकुंड साहिब के कपाट
चमोली जिले में स्थित श्री हेमकुंड साहिब के कपाट कल 10 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे. बेहतर यात्रा प्रबंधन के चलते हेमकुंड साहिब यात्रियों की संख्या भी हर वर्ष नया रिकॉर्ड बना रही है. इस वर्ष यहां बुधवार तक दो लाख 71 हजार 367 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं, जो अब तक की रिकॉर्ड संख्या है.

समुद्रतल से करीब 15 हजार 230 फीट की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब की यात्रा अत्यंत कठिन और चुनौतीपूर्ण है, इसके बावजूद यहां हर वर्ष यात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है. वर्ष 2024 में एक लाख 83 हजार 722 तीर्थयात्री हेमकुंड पहुंचे थे जबकि इस यात्राकाल में बीते दिवस बुधवार तक दो लाख 71 हजार 367 श्रद्धालु पहुंच चुके हैं.

चारधाम यात्रा कब बंद होंगे कपाट
गंगोत्री 22 अक्टूबर
यमुनोत्री 23 अक्टूबर
केदारनाथ 23 अक्टूबर
बद्रीनाथ 25 नवंबर

 

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